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जो हमारे चारों ओर प्राकृतिक रूप से मौजूद है, और जो मानव निर्मित नहीं होता है। यह शब्द पृथ्वी पर मौजूद प्राकृतिक प्राकृतिक अवशेष, परतें और अवशेष को दर्शाता है।

प्रकृति में ये सब शामिल है जैसे

  • प्राकृतिक आपदाएँ – भूकंप, सुनामी, तूफान, बर्फबारी आदि, जो प्रकृति के द्वारा उत्पन्न होती हैं।
  • जलवायु – मौसम, तापमान, वर्षा, आर्द्रता आदि, जो पृथ्वी के विभिन्न हिस्सों में होते हैं।
  • प्राकृतिक संसाधन – जैसे जल, हवा, मिट्टी, सूरज की रोशनी, खनिज, और वनस्पतियाँ (plants)।
  • पशु और पौधे – पृथ्वी पर मौजूद सभी जीव-जंतु (animals) और वनस्पतियाँ (plants) जो किसी भी मानव हस्तक्षेप के बिना अपने स्वाभाविक रूप में रहते हैं।
  • पृथ्वी और उसके भूभाग – जैसे पहाड़, नदियाँ, समंदर, जंगल, मैदान, और रेगिस्तान आदि।

Natural Resources

प्राकृतिक संसाधन वे तत्व हैं जो प्राकृतिक रूप से पृथ्वी पर मौजूद होते हैं और जिनका उपयोग मनुष्य अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए करता है। ये संसाधन सीमित होते हैं, इसलिए इनका संरक्षण करना बहुत जरूरी है। प्राकृतिक संसाधन मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं:

1. नवीकरणीय संसाधन (Renewable Resources)

ये ऐसे संसाधन होते हैं जो समय के साथ प्राकृतिक रूप से पुनः उत्पन्न हो सकते हैं, यानी इन्हें खत्म नहीं किया जा सकता, लेकिन अगर इनका अत्यधिक उपयोग किया जाए तो इनकी उपलब्धता घट सकती है।

  • सूर्य की ऊर्जा (Solar Energy): यह प्रकृति का सबसे बड़ा और स्थायी ऊर्जा स्रोत है।
  • पानी (Water): नदियाँ, झीलें, तालाब, और समुद्र। पानी प्राकृतिक रूप से पुनः प्राप्त हो सकता है, लेकिन इसे बचाना जरूरी है।
  • हवा (Air): ताजे हवा का स्रोत।
  • वनस्पतियाँ और वृक्ष (Plants and Trees): पेड़-पौधे जो ऑक्सीजन प्रदान करते हैं और पर्यावरण को संतुलित रखते हैं।
  • जैविक ऊर्जा (Biomass Energy): वनस्पतियों और जैविक अपशिष्ट से प्राप्त ऊर्जा।

2. अजनवीकरणीय संसाधन (Non-Renewable Resources)

ये संसाधन सीमित होते हैं और एक बार समाप्त हो जाने के बाद इनकी पुनः प्राप्ति प्राकृतिक रूप से नहीं हो सकती।

  • खनिज (Minerals): जैसे कोयला, तेल, प्राकृतिक गैस, लोहा, और सोना।
  • धातु (Metals): जैसे तांबा, चांदी, एल्यूमिनियम।
  • पेट्रोलियम (Petroleum): तेल और गैस जो ऊर्जा के रूप में उपयोग किए जाते हैं।
  • गैस और कोयला (Natural Gas and Coal): इनका उपयोग ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए किया जाता है, लेकिन ये धीरे-धीरे समाप्त हो रहे हैं।

3. भू-संसाधन (Land Resources)

ये संसाधन पृथ्वी की सतह से संबंधित होते हैं, जैसे:

  • मिट्टी (Soil): खेती के लिए उपजाऊ भूमि।
  • पहाड़ और मैदान (Mountains and Plains): भूमि का उपयोग कृषि, निर्माण, और खनन के लिए किया जाता है।

4. जैव विविधता (Biodiversity)

प्राकृतिक संसाधनों में जीव-जंतुओं और पौधों की विविधता शामिल है, जो पारिस्थितिकी तंत्र को बनाए रखने के लिए जरूरी है।

इन संसाधनों का अत्यधिक और असंयमित उपयोग प्राकृतिक संतुलन को बिगाड़ सकता है और पर्यावरणीय समस्याओं का कारण बन सकता है। इसलिये, इनका समुचित तरीके से उपयोग और संरक्षण करना बहुत महत्वपूर्ण है।

अगर आप इन संसाधनों से संबंधित और जानकारी चाहते हैं या किसी विशेष संसाधन के बारे में पूछना चाहते हैं, तो बताइए!

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